विमानन विधेयक पारित होने के बाद भारत मांट्रियल समझौते में शामिल
मांट्रियल समझौते को 86 देशों ने पहले ही पुष्टि कर दी है जिनमें से 25 देशों का भारत के साथ सीधा विमान संपर्क है। इनमें ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, बहरीन, सऊदी अरब, जापान, आस्ट्रिया, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड और इटली शामिल हैं।
ऐसी स्थिति में इस समझौते में सम्मिलित न रहने पर भारतीय विमान यात्रियों के साथ भेदभाव की आशंका बनी रहती थी। यात्रियों की मृत्यु या शारीरिक चोट आदि की स्थिति में यात्रियों को उपयुक्त क्षतिपूर्ति न मिलने और उनके माल आसबाव की अदायगी में अनावश्यक विलम्ब की आशंका बनी रहती है।
यदि भारत इस समझौते की सदस्यता में शामिल नहीं रहता तो देयताओं की वृद्घि लाभों से वंचित रह जाता। इसीलिए भारत ने मांट्रियल समझौता, 1999 में सम्मिलित होने के लिए इस पर हस्ताक्षर करने और इस के प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करने का निश्चय किया है।
भारत ने अब तक विमानन क्षेत्र के केवल दो समझौतों की पुष्टि की है - वारसा सम्मेलन 1929 और हेग प्रोटोकाल 1955 वायु परिवहन अधिनियम 1972 में इसे ही सम्मिलित किया गया है।
लोकसा ने इस विधेयक को 30 अप्रैल, 2008 के पारित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।