न्यायाधीशों के वेतन वृद्धि संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी (लीड-1)
भारद्वाज ने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायधीशों के (वेतन और सेवा शर्तो) संशोधन विधेयक, 2008 पर लोकसभा की मंजूरी मांगने से पहला कहा,"संसद सर्वोच्च संस्था है। न्यायपालिका संविधान के प्रति जिम्मेदार है। परंतु संसद संविधान में संशोधन कर सकती है। "
इस विधेयक को लोकसभा में पिछले वर्ष दिसम्बर में प्रस्तुत किया गया था। इसे भारद्वाज ने गुरुवार दोपहर बाद सदन में आगे बढ़ाया। संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
जनवरी में राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन वृद्धि संबंधी अध्यादेश को स्वीकृति दी थी।
अब सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को प्रतिमाह 100,000 रुपये, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों को 90,000 रुपये प्रतिमाह तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को 80,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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