केरल में आत्महत्या के मामलों में कमी आई, फिर भी सबसे आगे
श्रीमाटी ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में बताया, "आज की तारीख में राष्ट्रीय स्तर पर आत्महत्या दर 10.80 है जबकि हमारे राज्य में यह दर 26.30 है। राष्ट्रीय अनुपात की दृष्टि से यह दर अभी भी काफी ज्यादा है लेकिन पिछले पांच साल में इस दर में काफी कमी दर्ज की गई है।"
सदन पटल पर रखी गई वर्ष 2008 की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक वर्ष 2000 में राज्य में 9304 लोगों ने आत्महत्या की थी लेकिन यह संख्या 2004 में घटकर 9053 रह गई। 2008 में तो इस संख्या में और कमी दर्ज की गई। पिछले वर्ष यह संख्या 8321 रही।
मंत्री ने बताया कि राज्य में आत्महत्या करने की मुख्य वजहें-पारिवारिक कलह, बीमारी और आथिर्क तंगी रही हैं। राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में सबसे अधिक 1171 आत्मत्या के मामले दर्ज किए गए जबकि कोवलम में 865 लोगों ने अपनी जान दी। कासरगोडा तीसरे स्थान पर रहा, जहां 250 लोग अपने ही हाथों अपनी जिंदगी समाप्त कर चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यू्ज सर्विस।
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