पीमएके ने मुखर्जी से श्रीलंका पर दिए बयान को वापस लेने की मांग की
पीएमके संसदीय दल के नेता एम.रामदास ने लोकसभा में कहा,"उनको अपना बयान वापस लेना चाहिए या स्पष्टीकरण देना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि यह एक गैर जिम्मेदाराना बयान है। हम जानना चाहते हैं कि यह बयान उनका निजी नजरिया है या सरकारी दृष्टिकोण।
इस बयान पर पीएमके और एमडीएमके सांसदों के लगातार विरोध के कारण लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने रामदास को बोलने की अनुमति दी थी।
रामदास ने कहा कि मुखर्जी का बुधवार का बयान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन भाषण के विपरीत है।
उल्लेखनीय है कि मुखर्जी ने कहा था कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) अपने कब्जे के तमिल नागरिकों को तुरंत रिहा करके और हथियार त्यागकर तमिलों के हितों की बेहतर सेवा करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार श्रीलंका सरकार और अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रास समिति के साथ मिलकर संघर्षग्रस्त क्षेत्र से तमिल नागरिकों को निकालने में सहायता देने को तैयार है।
विरोध कर रहे सांसदों ने सरकार पर श्रीलंका सरकार की भाषा बोलने के साथ ही नागरिकों की हत्या के लिए राजपक्षे सरकार को हथियार और गोला बारूद मुहैया कराने का आरोप लगाया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरक्कला राधाकृष्णन ने रामदास की मांग का विरोध करते हुए कहा कि सरकार का समर्थन कर रही पार्टी को सरकार से बयान वापस लेने की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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