मप्र में वकीलों ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध
फेडरेशन ऑफ बार एसोसिएशन नई दिल्ली ने केन्द्र सरकार द्वारा सीआरपीसी की धारा 41 और 309 में किए गए संशोधन के खिलाफ 18 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। इसी ऐलान के तहत मध्य प्रदेश में भी वकील हड़ताल पर रहे। भोपाल में तो जिला अभिभाषक संघ ने काम काज ठप रखने की बजाए काली पट्टी बांधकर न्यायालय की कार्रवाई में हिस्सा लिया।
भोपाल जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष और स्टेट बार काउन्सिल के सदस्य राजेश व्यास ने आईएएनएस को बताया है कि भोपाल के अधिवक्ताओं ने विरोध के लिए नया रास्ता अपनाया। इसके तहत उन्होंने काली पट्टी बांधी और न्यायालय के द्वार पर प्रदर्शन किया।
काम काज बंद न रखने के पीछे वे तर्क देते हैं कि ऐसा करने से दलालों की चांदी हो जाती है और पक्षकारों को परेशान होना पड़ता है। उनका मकसद सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर अन्य किसी को परेशान करना नहीं है।
इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य जिलों में वकीलों ने काम काज बंद रखकर अपने विरोध का इजहार किया। छतरपुर के अधिवक्ता जितेन्द्र मिश्र ने बताया कि छतरपुर सहित आस पास के जिलों के न्यायालयों के वकीलों ने न्यायालय की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया।
जबलपुर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल खरे ने बताया है कि इस हड़ताल में उच्च न्यायालय के वकीलों ने हिस्सा नहीं लिया। इसके चलते वहां काम काज आम दिनों की तरह ही चला।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।