शरीयत समझौते से पूर्व सभी पक्षों को विश्वास में लिया गया
एक सूत्र ने समाचार पत्र द न्यूज को बताया, "यह एक सामूहिक फैसला है। उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत (एनडब्ल्यूएफपी) सरकार को इस समझौते के लिए हरी झंडी देने के पहले केंद्रीय स्तर पर सभी पहलुओं की व्यापक रूप से समीक्षा की गई।"
पिछले एक महीने से इस मामले पर चल रही उच्च स्तरीय बातचीत में शामिल रहे एक अधिकारी ने कहा कि अंतिम निर्णय पिछले सप्ताह आयोजित एक निर्णायक बैठक के दौरान लिया गया।
उस बैठक में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा, एनडब्ल्यूएफपी के राज्यपाल ओविस अहमद घानी व मुख्यमंत्री अमीर हैदर खान उपस्थित थे।
अधिकारी ने कहा, "अंत में सभी ने स्वीकार किया कि बल प्रयोग कर के देख लिया गया और इससे कोई समाधान नहीं निकला। इसके बदले आतंकवाद में और इजाफा ही हुआ। सुरक्षा बलों को हर रोज नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसमें आम आदमी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।