अंतरिम बजट : लोकसभा में पेश अंतरिम बजट के मुख्य बिंदु (लीड-3)
-कर संग्रह 627,949 करोड़ रुपये रहने का अनुमान।
-18-40 वर्ष की युवा विधवाओं नई योजना की घोषणा।
-18-40 वर्ष उम्र के लिए नई विकलांगता पेंशन की घोषणा।
-अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 15 सूत्री योजना।
- सार्वजनिक बैंकों के नॉन परफॉर्मिग एसेंस (एनपीए) में कमी।
- चार वर्षो में सार्वजनिक बैंकों के एनपीए 7.8 फीसदी से घटाकर 2.3 प्रतिशत होंगे।
-घाटे में चल रही सार्वजनिक इकाइयों की संख्या 73 से घटकर 58 हुई।
-फायदे में चल रही सार्वजनिक इकाइयों की संख्या 143 से बढ़कर 158 हुई।
-भारत आज भी दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था।
-चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7.1 फीसदी की दर से विकास करने की संभावना।
-आर्थिक विकास का लाभ सभी तक पहुंचाने की जरूरत।
-वित्त वर्ष 2008-09 में सरकार ने 37 आधारभूत परियोजनाओं पर 70 हजार करोड़ खर्च किए।
-निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के तहत 54 केंद्रीय आधारभूत परियोजनाओं को मंजूरी।
-पीपीपी परियोजनाओं पर कुल 67,700 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान।
-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्च र फाइनेंस कंपनी मार्च अंत तक 10 हजार करोड़ रुपये इकट्ठा करेगी।
-भारत मुद्रास्फीति की समस्या से उबर चुका है, लेकिन संतोषजनक स्थिति नहीं।
-देश का कृषि परिदृश्य उत्साहित करने वाला है।
-कृषि पर विशेष ध्यान।
-कृषि क्षेत्र के लिए पिछले पांच सालों में योजनागत आवंटन में 300 फीसदी की बढ़ोतरी।
-अल्पावधि कृषि ऋण को बढ़ाकर 250,000 करोड़ रुपये किया गया।
-65,300 करोड़ रुपये का कृषि कर्ज माफ।
- सरकार किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी मुहैया करवाती रहेगी।
-ग्रामीण आधारभूत विकास कोष को 5,500 से बढ़ाकर 14,000 करोड़ रुपये किया गया।
-11वीं पंचवर्षीय योजना में उच्च शिक्षा क्षेत्र में खर्च में 900 फीसदी की बढ़ोतरी।
-देश में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा।
-रिकार्ड 32.4 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया।
-वैश्विक आर्थिक परिदृश्य उत्साहजनक नहीं।
-असाधारण परिस्थितियों में असाधारण कदमों की आवश्यकता होती है।
-नियमित बजट में अतिरिक्त वित्तीय कदम उठाने की जरूरत।
-वित्तीय क्षेत्र में सुधार तेज करने की जरूरत।
-पिछले तीन वर्षो में देश का विकास औसतन नौ फीसदी की दर से हुआ।
-प्रति व्यक्ति आय में प्रतिवर्ष 4.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
-बजट घाटा 4.5 फीसदी से घटकर 2.7 फीसदी हुआ।
-राजस्व घाटा 3.6 फीसदी से घटकर 1.1 फीसदी हुआ।
-निर्यात में 26.4 फीसदी की वार्षिक वृद्धि हुई।
-विदेश व्यापार 27.3 प्रतिशत से बढ़कर 35.5 फीसदी हुआ।
-सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कर 9.2 फीसदी से 12.5 फीसदी हुआ।
-कृषि में 3.7 फीसदी की वार्षिक वृद्धि हुई।
-दूरसंचार और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों के लिए केंद्रीय योजना बढ़ाई गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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