वित्तीय क्षेत्र के सुधारों से प्रतिभूति बाजार का विनियामक तंत्र सु²ढ़

By Staff
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लोकसभा में वर्ष 2009-2010 के लिए अपने अंतरिम बजट भाषण में मुखर्जी ने कहा कि सुरक्षित, पारदर्शी और सक्षम बाजार का संवर्धन करने और बाजार की विश्वसनीयता की रक्षा के लिए प्रणालियां और परंपराएं लागू की गई हैं।

मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने कंपनी अधिनियम, 1956 का व्यापक पुनरीक्षण किया है, ताकि इसे ठोस कानून बनाया जा सके। इससे व्यवसाय वातावरण में होने वाले परिवर्तनों पर अनुक्रिया दिखाते हुए अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत सर्वोत्तम परंपराएं अपनाई जा सकेंगी। इस कवायद के आधार पर कंपनी विधेयक 2008 संसद में पेश किया गया है ।

सरकार द्वारा वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय, संस्थागत और कानूनी सुधारों की चर्चा करते हुए मुखर्जी ने कहा कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार हुआ है। 31 मार्च, 2004 को गैरनिष्पादनकारी आस्तियां 7़8 प्रतिशत थीं जो काफी कम होकर 31 मार्च, 2008 को 2़3 प्रतिशत हो गई हैं।

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के मामले में ऋणात्मक निवल संपत्ति वाले बैंकों के विलयन और पुनर्पूजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। पिछले चार वषों में 196 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, 85 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में मिला दिए गए हैं। केन्द्र सरकार ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पूंजीकरण हेतु 31 दिसंबर 2008 तक 652 करोड़ रुपये का अंशदान किया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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