अंतरिम बजट : औद्योगिक संगठनों की आशा के अनुरूप नहीं
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने कहा कि उसने तीसरे और अंतिम प्रोत्साहन पैकेज की आशा की थी। वैसे मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में इस पर जोर दिया लेकिन उन्होंने इस बारे में फैसला नई सरकार पर छोड़ दिया।
संगठन ने कहा कि कम से कम कारपोरेट करों पर लगे सरचार्ज (अवशेष) को खत्म किया जाना चाहिए था।
एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा, "अंतरिम बजट में इस दिशा में कोई संकेत नहीं मिला।"
उन्होंने हालांकि सामाजिक योजनाओं और ग्रामीण आधारभूत परियोजनाओं पर खर्च में बढ़ोतरी का स्वागत करते हुए कहा कि ये मांग पैदा करने के मुख्य श्रोत बनेंगे।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष हर्ष पति सिंघानिया ने कहा, "अंतरिम बजट ने अगली सरकार के लिए दिशा तय कर दिया है और आम चुनाव के बाद के महीनों में क्या कदम उठाया जाना चाहिए इसका स्पष्ट संदेश दे दिया है।"
फिक्की ने भी ग्रामीण सेक्टर पर खर्च बढ़ाने के सरकार के कदम का स्वागत किया है।
सिंघानिया ने कहा, "सच्चाई यह है कि सरकार ने ग्रामीण रोजगार सृजन योजना के लिए 30,100 करोड़ रुपये आवंटित किया है और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।