रेलवे में नौकरी दिलाने वाले 15 दलाल गिरफ्तार (लीड-1)

By Staff
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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को उत्तर प्रदेश एसटीएफ और मध्य प्रदेश की अपराध शाखा के संयुक्त दल ने भोपाल में बस स्टैन्ड स्थित एक होटल में दबिश दी तो चार संदिग्ध लोग उसकी गिरफ्त में आए। ये सभी बिहार के रहने वाले हैं। ये लोग अजमेर रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा के सिलसिले में भोपाल में सौदेबाजी करने आए थे। पुलिस को इनके पास से ऐसे दस्तावेज बरामद हुए, जो उनके रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र और नौकरी दिलाने की सौदेबाजी का खुलासा करने वाले हैं।

भोपाल के पुलिस अधीक्षक जयदीप प्रसाद ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए स्वीकार किया है कि बिहार के जिन चार युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वे परीक्षा के पर्चे उपलब्ध कराने से लेकर नौकरी दिलाने तक का ठेका लेते थे। पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

उधर, लखनऊ में उत्तर प्रदेश एसटीएफ प्रमुख बृजलाल ने पत्रकारों को बताया कि एसटीएफ ने ये धरपकड़, राजस्थान पुलिस संयुक्त कार्रवाई बल(एसओजी) और भोपाल पुलिस के साथ मिलकर की।

लाल ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि जयपुर के पुरोहित, ममता और गोयल होटल में अभ्यार्थियों को पर्चा हल कराया जा रहा है। राजस्थान एसओजी की मदद से सुबह छह बजे इन होटलों में दबिश देकर पेपर लीक कराने वाले 11 दलालों और 94 अभ्यार्थियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा भोपाल के राजदूत होटल मे छापेमारी करके प्रश्नपत्र हल कराने वाले 4 दलालों को गिरफ्तार किया गया।

लाल के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से अजमेर रेलवे भर्ती बोर्ड के पांच प्रश्नपत्र एवं प्रश्नपत्र की हल की हुई प्रतियां, 70 मोबाइल फोन, भारी मात्रा में अभ्यार्थियों के मूल प्रमाण पत्र, 1,95000 रुपये नकद और कई बैंकों के एटीएम कार्ड जब्त किए गए।

लाल ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि गत वर्ष इलाहाबाद में रेलवे भर्ती बोर्ड का पर्चा लीक करने वाले गिरोह का सरगना बेदीराम जमानत पर बाहर आकर पुन: इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त हो गया है और अपने गिरोह के माध्यम से 15 फरवरी को होने वाली कोटा, बीकानेर, जयपुर में होने वाली सहायक स्टेशन मास्टर परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कराकर अभ्यार्थियों से मोटी रकम वसूल रहा है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

एसटीफ के मुताबिक गिरोह के सदस्य हर छात्र के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र अपने पास जमानत के रूप में रख लेते थे और अप्वाइंटमेंट लेटर मिलने के बाद चार लाख रूपये मिलने पर ही लौटाए जाते थे।

गौरतलब है कि सहायक स्टेशन मास्टर की परीक्षा में 75 हजार परीक्षार्थी बैठने वाले थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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