प्रभाकरण का बेटा निभा रहा है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी (लीड-1)
एक समाचार पत्र ने आत्म समर्पण करने वाले लिट्टे के दो आत्मघाती कार्यकर्ताओं के हवाले से यह खबर दी है।
सरकारी समाचार पत्र 'संडे आब्जर्वर' ने दोनो गुरिल्लाओं के इकबालिया बयान के आधार पर कहा कि 1985 में पैदा हुआ चार्ल्स एंटनी लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के शीर्ष नेताओं बानू और लक्ष्मण के साथ गुरिल्लाओं का नेतृत्व कर रहा है।
दोनों समर्पण करने वाले गुरिल्लाओं के अनुसार चार्ल्स लिट्टे की आईटी यूनिट का प्रमुख है।
उनके अनुसार युद्ध के तेज होते ही प्रभाकरण ने अपनी पत्नी और 10 वर्षीय छोटे बेटे को एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया था। प्रभाकरण की एक पुत्री भी है जो कुछ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आयरलैंड में रहती है।
'संडे ऑब्जर्वर' के अनुसार लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पिछले 25 वर्षो के दौरान सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रहा है।
दो आत्मघाती हमलावरों में से एक ने कहा कि प्रभाकरण अभी भी उत्तरी इलाके के वान्नी में है और निर्दोष तमिल नागरिकों को कब्जे में रखे हुए है। अखबार के अनुसार दोनों आत्मघाती हमलावरों ने सुरक्षा बलों के सामने आश्चर्यजनक खुलासे किए हैं।
प्रभाकरण ने 1976 में लिट्टे की स्थापना की थी। उसने मुल्लैतिवु के घने जंगलों में कई गुफाएं और बंकर बना रखे हैं। इन्हीं स्थानों से उसने भारतीय शांति सेना के खिलाफ 1987 से 90 के दौरान युद्ध का संचालन किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।