सर्वोच्च न्यायालय में प्रमुख नक्सली सरगना सहित 4 की जमानत खारिज
नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने चार राज्यों में वांछित नक्सली सरगना अशोक सत्य रेड्डी उर्फ मुरली उर्फ महेश सहित चार नक्सलियों की जमानत रद्द कर दी है।
न्यायमूर्ति अरिजित पसायत और न्यायमूर्ति मुकुंदकम शर्मा की पीठ ने गत सितम्बर में बंबई उच्च न्यायालय से मिली इनकी जमानत को पलटते हुए रेड्डी (45) और उसके साथियों अरुण थॉमस परेरा (35), धनेंद्र श्रीराम भुराले (35) और नरेश बाबूलाल बांसोड (45) की जमानत रद्द कर दी।
सर्वोच्च न्यायालय ने गत बुधवार को महाराष्ट्र सरकार की एक याचिका पर यह फैसला सुनाया।
गत वर्ष 19 सितम्बर को बंबई उच्च न्यायालय से मिली जमानत के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को स्थगित करते हुए कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक चारों नक्सलियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जाएगा।
न्यायालय ने नागपुर की निचली अदालत को यह निर्देश भी दिया कि इन चारों नक्सलियों के मामलों की सुनवाई छह महीनों में पूरी कर ली जाए।
इन चारों को आठ मई 2007 को नागपुर के दीक्षाभूमि से गिरफ्तार किया गया था।
रेड्डी के खिलाफ महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई मामले दर्ज हैं। वह आंध्र प्रदेश के नालगोंडा जिले के निर्मलागिरी का रहने वाला है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जमानत मंजूर करने के नियमों की अनदेखी कर बंबई उच्च न्यायालय ने जमानत मंजूर की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।