भारत लाउंगा बापू का सामान: तुषार गांधी
महात्मा गांधी फाउंडेशन के प्रमुख तुषार गांधी ने दैट्स हिन्दी से फोन पर हुई विशेष बातचीत में बताया कि बापू के सामान की नीलामी रोकने के वो हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
पता हो कि बापू का चश्मे, चप्पलें और पॉकेट घड़ी की नीलामी अगले महीने न्यूयॉर्क में होनी है। नीलामी की यह खबर सुनकर गांधीवादियों में निराशा की लहर दौड़ गई।
देश को लौटाएगे बापू का सामान
नीलामी की खबर से आहत महात्मा के पौत्र तुषार गांधी का कहना है कि बापू का सारा सामान भारत की संपत्ति है। इससे भारत का सम्मान जुड़ा हुआ है। हम इस तरह से बापू की वस्तुओं पर पैसा कमाने नहीं देंगे।
उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि बापू के सामान की नीलामी पर सरकार ने कोई क्यों नहीं कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे अपने स्तर पर ही इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।
तुषार गांधी ने कहा है कि पहले तो वो 4 व 5 मार्च को प्रस्तावित नीलामी को रुकवाने के प्रयास करेंगे, अगर नीलामी नहीं रुकी तो चाहे उसके लिए भारी मात्रा में धन ही क्यों नहीं जुटाना पड़े। बापू का सामान भारत जरूर वापस लायेंगे।
सिर्फ सामान नहीं इतिहास
पॉकेट घड़ी: यह घड़ी नीलामी का सबसे बड़ा आकर्षण होगी। बापू अपने हर चित्रों में वर्ष 1910 के आसपास निर्मित इसी पॉकेट घड़ी को लटकाए हुए दिखाई देते थे। पॉकेट घड़ी आभा गांधी को दे दी थी। आभा हमेशा महात्मा के साथ रहती थीं और वर्ष 1948 में गोली लगने बाद गांधी आभा की बाहों में ही गिरे थे।
चप्पलें: ये वो चप्पलें हैं जो गांधीजी ने लंदन में आयोजित गोलमेज बैठक के पहले वर्ष 1931 में एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी को दे दी थीं।
चश्में: बापू ने अपने चश्मों को एक भारतीय सेना के कर्नल एचए शीरी दीवान नवाब को यह कहते हुए दिया था, "इन्होंने आजाद भारत की मुझे दृष्टि दी।"