भारत ने कहा, पाकिस्तान षडयंत्र का पर्दाफाश करे (राउंडअप)
दूसरी ओर इस्लामाबाद ने भारत पर आरोप लगाया कि वह मुंबई हमले से जुड़े मामले में घरेलू राजनीति का घालमेल कर रहा है।
भारत की ओर से कहा गया कि पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा पैदा किया गया खतरा सिर्फ अकेले भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। लिहाजा भारत पाकिस्तान के जवाब के साथ ही उपजी परिस्थिति की समीक्षा करेगा और उसके बाद हर जरूरी कदम उठाएगा।
भारत के इस बयान पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता की ओर से तत्काल टिप्पणी की गई।
प्रवक्ता ने कहा, "हम महसूस करते हैं कि मुंबई हमले की वास्तविकता के साथ भारत की घरेलू राजनीति की मजबूरियों का घालमेल किया जा रहा है।"
शुक्रवार को लोकसभा में बयान देते हुए मुखर्जी ने कहा, "मुंबई मामले में यह एक सकारात्मक प्रगति है, परंतु पाकिस्तान को इस पूरे षडयंत्र को उजागर करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "भारत का यह लक्ष्य रहेगा कि मुंबई हमले के षडयंत्रकारियों को सलाखों के पीछे लाया जाए और हम इस प्रक्रिया को आखिर तक जारी रखेंगे।"
उधर पाकिस्तानी प्रवक्ता ने इस्लामाबाद में कहा, "पाकिस्तान सरकार चाहती है कि भारत मुंबई हमले के विभिन्न पक्षों पर पूरी ईमानदारी के साथ सामने आए और एक पारदर्शी तरीके से इस घटना के लिए जिम्मेदार भारतीय लोगों व संस्थाओं के नामों का भी खुलासा करे।"
प्रवक्ता ने कहा, "हमने जिम्मेदारी की उच्च भावना के साथ कार्रवाई की है। हमने सहयोग का हाथ बढ़ाया है।"
दूसरी ओर मुखर्जी ने लोकसभा में कहा, "हम रिश्तों के एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां पाकिस्तान सरकार को तय करना है कि वह भविष्य में भारत के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है।"
मुखर्जी ने आगे कहा, "यह ज्यादा कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि पाकिस्तान मुंबई हमले के मामले में कितनी औचित्यपूर्ण कार्रवाई करता है।"
पाकिस्तानी जनता के प्रति अपनी सकारात्मक भावना का इजहार करते हुए मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने दोनों देशों के बीच यातायात संपर्क व जनता के बीच आपसी संपर्क बरकरार रखने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, "मैं इस बात को साफ कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तानी जनता के साथ हमारा कोई झगड़ा नहीं है। हम उसकी बेहतरी की कामना करते हैं। हम यह बिल्कुल नहीं चाहते कि उसे इस परिस्थिति के परिणाम भुगतने पड़ें या इसके लिए वह बेवजह जिम्मेदार ठहराए जाएं।"
इधर भारत में अमेरिका के राजदूत डेविड मलफोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई हमले की जांच सुनिश्चित कराने व आरोपियों को सजा दिलाने के मामले में अमेरिका पाकिस्तान के साथ देखो और मदद करो की नीति अपनाएगा।
मलफोर्ड ने यहां एक सम्मेलन के मौके पर संवाददाताओं से कहा, "हमारा मानना है कि यह एक प्रक्रिया की शुरुआत है। हम इंतजार करेंगे, इस पर नजर रखेंगे और मदद भी करेंगे। पाकिस्तान का जवाब पहला बेहद अहम कदम है।"
मलफोर्ड ने कहा कि इस मामले पर उनके देश की प्रतिक्रिया भारत जैसी ही रही है।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को यह सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए कि यह समस्या उसकी जमीन से ही पैदा की गई।"
गौरतलब है कि 26 नंवबर, 2008 को मुंबई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर हुए हमले में लगभग 175 लोग मारे गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।