काबुल में बंदूकधारियों के हमले

राइफ़लें और ग्रेनेड उठाए हुए कुछ बंदूकधारियों ने काबुल के केंद्र में स्थित एक इमारत को पहले निशाना बनाया.
सुरक्षाबलों के साथ हुई गोलीबारी में दो हमलावर और कई अन्य लोग मारे गए.
जब बंदूकधारियों ने हमला किया तो सुरक्षा अधिकारियों के साथ गोलीबारी हुई और दो हमलावर मारे गए. इस गोलीबारी में कम से कम तीन अन्य लोग भी मारे गए.
इसके बाद एक अन्य इमारत पर भी हमला हुआ. दूसरे हमले के बाद एक बंदूकधारी अब भी इमारत के भीतर मौजूद है और कई लोगों को बंदी बनाया गया है.
ये भी पता चला है कि इमारत के भीतर एक वरिष्ठ जेल अधिकारी को बंदी बनाकर रखा गया है.
इसके बाद तालेबान के एक प्रवक्ता ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी लेते हुए बीबीसी को बताया कि अफ़ग़ानिस्तान की जेलों में तालेबान कैदियों के साथ दुर्व्यवहार के बदले में ये कार्रवाई की गई है.
'तत्काल अतिरिक्त सैनिकों की ज़रूरत'
उधर अमरीका के ज्वाइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ़ के चेयरमैन एडमिरल माइक मुलन ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में विद्रोहियों को भगा कर जिन इलाक़ों पर नियंत्रण कायम किया गया है, वहाँ तत्काल अतिरिक्त अमरीकी सैनिक तैनात किए जाने की ज़रूरत है.
कनाडा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय में समय का महत्व है और ये बहुत ही नाज़ुक दौर है.
उनका कहना था कि केवल इलाक़ों को विद्रोहियों के कब्ज़े से मुक्त कराना ज़रूरी नहीं बल्कि उनपर नियंत्रण कायम रखना भी ज़रूरी है.
वॉशिंगटन में अमरीकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने इससे पहले कहा था कि राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले कुछ दिनों में तय करेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान में कितने अतिरिक्त सैनिक चाहिए.
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