उर्वरक ईकाइयों को गैस आधारित बनाने के लिए 38 अरब रुपये
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि यूनाइटेड कामर्शियल बैंक, सेंट्रल बैंक और विजया बैंक दो चरणों में इस वित्तीय वर्ष और अगले वित्तीय वर्ष के दौरान यह राशि उपलब्ध कराएंगे।
यूनाइटेड कामर्शियल बैंक 12 अरब रुपये, सेंट्रल बैंक 14 अरब रुपये और विजया बैंक 12 अरब रुपये उपलब्ध कराएगा।
चिदंबरम ने कहा कि उर्वरक ईकाइयों को नाफ्था और पेट्रोलियम पदार्थ आधारित कच्चे माल के बजाए गैस आधारित बनाने की लागत की क्षतिपूर्ति होगी।
चिदंबरम ने कहा कि उर्वरक ईकाइयों के गैस आधारित होने से प्राकृतिक गैस का उपयोग बढ़ेगा जो यूरिया उत्पादन का सबसे स्वच्छ और प्रभावी कच्चा माल है।
चिंदबरम ने कहा कि नाफ्था या पेट्रालियम आधारित कच्चे माल की कमी से बंद हुई ईकाइयों को भी प्राकृतिक गैस आधारित संयंत्रों में बदलने की अनुमति मिलेगी। ये ईकाइयां वर्ष 2010 तक अपने संयंत्रों को चालू कर सकेंगी।
आंध्र तट पर कृष्णा-गोदावरी बेसिन में मुकेश अंबानी की रिलायंस उद्योग के प्राकृतिक गैस का उत्पादन आरंभ करने के बाद से देश में गैस की उपलब्धता काफी बढ़ने की उम्मीद है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।