मुलायम मामले में सीबीआई को फटकार
उत्तर प्रदेश, 10 फरवरीः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की खिंचाई करते हुए कहा कि वह केंद्र के इशारे पर काम कर रही है।
जस्टिस अल्तमस कबीर और जस्टिस सी. जोसेफ की बेंच ने सीबीआई से कहा कि वह खुद अपने अनुरुप काम न करते हुए केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है।
कोर्ट ने यह बात उस समय कही, जब अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने कहा कि कानून मंत्रालय की राय सीबीआई द्वारा दायर उस आवेदन को वापस लेने के मामले में मांगी गई थी जिसमें उसने केंद्र को नहीं बल्कि शीर्ष अदालत के सामने जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही थी।
बेंच ने कहा- जानते हैं आप क्या कह रहे हैं। यह काफी असामान्य बात है। चूंकि केंद्र सरकार ने राय दी थी इसलिए आपने अंतरिम आवेदन (पूर्व में दायर वह आवेदन वापस लेने के लिए जिसमें जांच रिपोर्ट शीर्ष अदालत के सामने पेश करने की बात कही गई थी)दायर किया है। बेंच ने पूछा- केंद्र की राय पर अंतरिम आवेदन क्यों दायर किया? यह समझ से परे है।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐड्वोकेट विश्वनाथ चतुर्वेदी की एक जनहित याचिका पर मुलायम सिंह यादव उनके बेटों अखिलेश , प्रतीक और बहू डिम्पल द्वारा कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
बेंच ने कहा, 'सरकार के पास क्यों गए? आपको हमारे पास आना चाहिए था।' कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि पूर्व के आग्रह को वापस लेने के लिए दायर आवेदन के पक्ष में और क्या आधार हैं। इसके जवाब में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वे तकनीकी प्रकृति के हैं।
मुलायम सिंह ने भी इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर कर रखी है, साथ ही इस मामले से जुड़े कुछ तथ्यों को अदालत के सामने पेश करने की याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा है और इसकी इसकी अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर अपने पद का दुरुपयोग करने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था.