दिल्ली से उड़ान भरना हुआ महंगा
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) के विकास का जिम्मा बेंगलूरु स्थित निर्माण कम्पनी जीएमआर और सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के पास है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि विकास शुल्क केवल 36 महीने के लिए अस्थाई रूप से लागू किया गया है और इसमें सभी लागू कर शामिल हैं।
बयान के अनुसार 31 अगस्त तक हवाई अड्डा विकास में लगी कम्पनियां लागत का अंतिम ब्योरा पेश कर देंगी और उसके बाद सरकार अंतिम रूप से विकास शुल्क को निर्धारित करेगी।
हैदराबाद के नए हवाईअड्डे के घरेलू यात्रियों को 375 रुपए और विदेश के लिए उड़ान भरने वालों को 1,000 रुपए का अतिरिक्त शुल्क पिछले वर्ष के आरम्भ से ही चुकाना पड़ रहा है।
सरकार ने पिछले महीने बेंगलूरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को घरेलू यात्रियों से 260 रुपए और विदेश जाने वालों से 1,000 रुपए का अतिरिक्त विकास शुल्क वसूलने की अनुमति दी थी।