मध्यप्रदेश: कुपोषण से 4 महीने में 28 बच्चे मरे
आदिवासी अधिकार मंच और भोजन का अधिकार संस्था द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि पिछले चार महीनों के दौरान सतना जिले की मझगवां तहसील में 28 बच्चों ने दम तोड़ दिया।
अध्ययन दल के अनुसार 15 सितंबर से 31 जनवरी के बीच कुशहारा में दो, चितहरा में तीन, कानपुर में चार, देवलाहा में पांच, मडुलिहाई में तीन, दुधवारा में दो, चौरेही में एक, किरहाई पुखरी में छह, गहिरागढ़ी घाट में दो बच्चों की मौत हुई है।
आदिवासी गांवों की स्थिति यह है कि एक तो यहां काम नहीं है और दूसरे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जो काम कराए भी जाते हैं, उसके एवज में निर्धारित मजदूरी नहीं दी जाती है। इतना ही नहीं सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी यहां कारगर नहीं हो पा रही है। गरीब परिवारों को जो अनाज मिलता है, वह उनके परिवार में 10 दिन से ज्यादा नहीं चल पाता।
मझगवां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बीते रोज कुपोषण निवारण शिविर लगाया गया। बाद में प्रशासन की ओर से कहा गया कि इस विकास खंड में तीसरे और चौथे ग्रेड का एक भी बच्चा नहीं है। वहीं स्वयं सेवी संगठनों का दावा है कि 45 से अधिक बच्चे अभी भी गंभीर रूप से कुपोषित हैं।
दूसरी ओर सतना के कलेक्टर सुखबीर सिंह ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा कि कुपोषण के चलते बच्चों की मौत नहीं हुई है, बल्कि मौत के कुछ और कारण हो सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।