स्तन कैंसर पर नैनो ड्रग के असर का किया गया आकलन
शोधकर्ताओं ने एक सूक्ष्म बसा गुब्बारे के जरिए दवा को चूहे के शरीर में डाला। इस बसा-गुब्बारे को लिपोजोम नाम दिया गया है। चूहे के उस भाग में नैनो दवा भेजी गई जो कैंसर से ग्रस्त था। वैज्ञानिकों ने जानना चाहा कि क्या चूहे के शरीर का कैंसरग्रस्त हिस्सा इस दवा को सोख पाता है? इस नैनो दवा का नाम लिपोजोम डाक्सोरुबिसीन है।
जब वैज्ञानिकों ने चूहे का एक्स-रे किया तो, उन्हें कैंसरयुक्त हिस्से में अनगिनत रंध्र नजर आए जिनमें दवा के अंश मौजूद थे। जब चूहों को यह दवा दी गई तो कैंसरयुक्त हिस्सों पर उसका सकरात्मक असर देखा गया। इन हिस्सों की साफ तस्वीरों को चूहे के स्वास्थ्य में सुधार का सबूत माना गया।
ह्यूस्टन स्थित 'यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास स्कूल ऑफ हेल्थ इनफॉर्मेशन सायंसेज' के सहायक व्याख्याता और शोध रिपोर्ट के सह लेखक अनंथ अन्नाप्रगादा कहते हैं, "यह उत्साहजनक नतीजा है। नैनो तकनीकी का चलन जोर पकड़ने के साथ ही ऐसी इलाज प्रविधि लोकप्रिय हो जाएगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।