पाकिस्तान में विस्फोट में 24 मारे गए

डेरा गाज़ी ख़ाँ शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर यह धमाका किया गया.
जब धमाका हुआ उस समय शिया समुदाय के लोग मस्जिद से नमाज़ पढ़कर बाहर निकल रहे थे.
घटनास्थल पर पुलिस और एंबुलेंस को पहुँचने में ज्यादा देर नहीं लगी, घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
पाकिस्तान के इस इलाक़े में शिया-सुन्नी समुदायों के बीच तनाव और हिंसा का पुराना इतिहास रहा है.
यह आत्मघाती हमला ही दिख रहा है क्योंकि धमाका ज़मीन पर होने के कोई निशान नहीं दिख रहे हैं. अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है मसूद उल हसन, पुलिस अधिकारी
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पुलिस घटनास्थल की जाँच कर रही है और वह अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है कि धमाका किस तरह हुआ या इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है.
अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह आत्मघाती हमला था या नहीं, लेकिन पुलिस के अधिकारी इसे आत्मघाती हमला मान रहे हैं.
वरिष्ठ स्थानीय पुलिस अधिकारी मसूद उल हसन ने कहा, "यह आत्मघाती हमला ही दिख रहा है क्योंकि धमाका ज़मीन पर होने के कोई निशान नहीं दिख रहे हैं. अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है."
इससे पहले एक अन्य पुलिस अधिकारी हसन इक़बाल ने कहा था, "विस्फोटक सामग्री वहाँ लगाई गई थी." उन्होंने इसे शिया समुदाय के ख़िलाफ़ किया गया आतंकवादी हमला बताया.
इस धमाके के बाद चारों तरफ़ भारी अफ़रा-तफ़री फैल गई और टीवी पर दिखाए जाने वाले दृश्यों से धमाके की भयावहता का अंदाज़ा मिल रहा था.
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के सुन्नी चरमपंथी संगठनों के तार अल क़ायदा और तालेबान से जुड़े हुए हैं, शिया समुदाय के ख़िलाफ़ हमलों के ज्यादातर मामलों में शक की सुई प्रतिबंधित सुन्नी संगठन लश्करे झंगवी की ओर मुड़ जाती है.
लश्करे झंगवी सिपाहे सहाबा नामक संगठन का हिस्सा है जो पाकिस्तान को एक कट्टरपंथी सुन्नी देश बनाना चाहते हैं.
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