महाराष्ट्र डीजीपी की नियुक्ति गलत: हाई कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार और न्यायधीश ए. एस. बोबडे की पीठ ने रॉय को हटाए जाने का आदेश देते हुए कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति के मामले में पर्याप्त 'पारदर्शिता और निष्पक्षता' बरती जानी चाहिए।
उच्च न्यायालय का फैसला केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के फैसले के लगभग चार महीने बाद आया है। उक्त फैसले में रॉय की नियुक्ति को यह देखते हुए निरस्त कर दिया गया था कि उन्हें तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर वरीयता देकर इस पद पर नियुक्त किया गया था।
रॉय की नियुक्ति (29 फरवरी 2008) को उनके सहकर्मी एस. चक्रबर्ती ने चुनौती दी थी। वह होम गार्डस और सिविल डिफेंस के पुलिस महानिदेशक हैं। कैट की ओर से फैसला देने वाले जोग सिंह और सुधाकर मिश्रा ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति का आदेश दिया था।
राज्य सरकार ने उस आदेश को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसने कैट के आदेश को बहाल रखा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।