मुंबई हमला: पाक में उच्चस्तरीय बैठक
यह बैठक पाक के विदेश विभाग ने बुलाई, जिसमें पाकिस्तान के भारत में राजदूत शाहिद मलिक और आंतरिक सचिव सैयद कमल शाह ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक यह बैठक काफी अहम है। इसके अंतर्गत पाकिस्तान द्वारा की गई जांच में 125 संदिग्धों को आरोपी बनाया जा सकता है। यही नहीं आतंकी संगठनों के आकाओं को क्लीन चिट भी दी जा सकती है।
पाकिस्तान के अखबार 'द न्यूज' ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा है कि बैठक में जांच की प्रगति के बारे में भी चर्चा की गई। इस बैठक में पाकिस्तान के सवाल पर भारत ने जो जवाब दिया उन मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
अधिकारियों के मुताबिक मुंबई हमलों के संबंध में पाकिस्तान द्वारा तैयार किए गए कागजात इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त सत्यब्रत पाल को सौंपा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक मुंबई हमले के दौरान भारत में संदिग्ध संपर्क स्थापित करने वाला हर व्यक्ति शामिल है। इन सभी पर संदिग्ध संचार के लिए इंटरनेट फोन का उपयोग करने के आरोप में पाकिस्तान के साइबर अपराध कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि संगठनों के सर्गनाओं को क्लीन चिट मिलने की संभावना है। इसमें मुंबई हमले के प्रमुख दोषियों की सूची में शामिल प्रमुख नामों में से कोई नहीं है।
भारत ने फिर कहा, 'पाक आतंकवाद का केंद्र'
बैठक के पहले नई दिल्ली में भारत ने एक बार फिर दोहराया कि पाकिस्तान इस मामले में गंभीर हो। विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि मुंबई हमले की जांच के बारे में इस्लामाबाद से कोई आधिकारिक सूचना अभी तक नहीं मिली है।
वहीं भारत के रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने एक बार फिर कहा कि पाकिस्तान 'आतंकवाद का केंद्र' है। भारत ने मुंबई हमले के दोषियों के खिलाफ "गंभीरतापूर्वक और दृढ़तापूर्वक" कार्रवाई करने का पाकिस्तान से आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में जो सकारात्मक उपलब्धियां हासिल हुई थीं वे सब मुंबई हमलों के कारण नष्ट हो गईं। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा हमला पाकिस्तानी तत्वों द्वारा ही नियोजित और क्रियान्वित किया जा सकता था।