संविधान सभा के अंतिम सदस्य का निधन (लीड-1)
उनके पुत्र भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं।
रणबीर सिंह का सोमवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ रोहतक में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सिंह के निधन पर राज्य सरकार की ओर से तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राज्य के सभी शिक्षण संस्थान व कार्यालय सोमवार को बंद रहेंगे। राज्य विधान सभा का बजट सत्र अब सोमवार के बदले शोक दिवस समाप्त होने के बाद आयोजित किया जाएगा।
गांधीवादी रणबीर सिंह को आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने व बाद में एक सांसद व प्रशासक के रूप में जाना जाता रहा है।
सिंह की मौत के समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व परिवार के अन्य सदस्य उनके पास मौजूद थे। हुड्डा कुछ दिनों से पिता की बीमारी के कारण रोहतक में ही रुके हुए थे।
रोहतक जिले के संघी गांव में एक किसान परिवार में 26 नवंबर 1914 को पैदा हुए रणबीर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई थी। उसके बाद उन्होंने गोहाना के निकट स्थित गुरुकुल भैंसवाल कलां में पढ़ाई की। वर्ष 1937 में उन्होंने दिल्ली के रामजस कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
वर्ष 1930 में वह गांधीवादी सेना से जुड़ गए और देश की आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उन्हें जुलाई 1947 में संविधान सभा में भेजा। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।