विकलांग ने रिक्शे को ही बना लिया घर-गृहस्थी की गाड़ी
हिम्मत के धनी 50 वर्षीय किशोर को वर्ष 1984 में एक पैर सड़क हादसे में गंवानी पड़ी। मोटर मिस्त्री का काम करने वाले किशोर ने आईएएनएस को बताया कि जब यह दुर्घटना हुई तो परिवार के समक्ष खाने के लाले पड़ गए थे, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और लोगों से कर्ज लेकर एक रिक्शा खरीदा और इसी रिक्शा को अपने घर-गृहस्थी की गाड़ी बना ली।
आज एक पैर से रिक्शा चलाकर वह अपनी पत्नी समेत चार बच्चों के साथ जीवनयापन कर रहा है। 28 वर्षो से लगातार रिक्शा चला रहा किशोर से जब सरकारी सहायता के विषय में पूछा गया तो बड़े रूआंसे होकर बताता है कि उसका अभी तक विकलांगता प्रमाण पत्र ही नहीं बन पाया है तो शेष सरकारी सहायता की बात ही जुदा है।
किशोर ने कहा कि उसने विकलांगता प्रमाणपत्र के लिए कई बार आवेदन दिए लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी। उसने कहा कि वह रिक्शा चलाकर ही अपने परिवार का पालन पोषण करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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