दिल्ली में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश
पुलिस का दावा है कि दक्षिणी दिल्ली में एक घर में पति-पत्नी के संचालन में फल-फूल रहा यह सेक्स रैकेट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहा था। पुलिस ने दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें पति हिंदुस्तानी है, जबकि पत्नी उज्बेकिस्तान की। रैकेट में शामिल उजबेक महिला की बहन लैला फरार है।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (साउथ) हरगोबिंदर सिंह धालीवाल ने पत्रकारों को बताया कि 17 दिसंबर को तुर्कमेनिस्तान की एक महिला यहां के डिफेंस कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने आयी। वो न तो हिंदी जानती थी और न ही अंग्रेजी।
पुलिस ने उसके लिए रूसी भाषा अनुवादक का इंतजाम किया। तब महिला ने बताया कि पिछले साल जून में उम्मिदा देवानोवा नाम की महिला उसे भारत में फैशन डिजाइनिंग की संभावनाओं का लालच देकर यहां लायी और उसे दक्षिणी दिल्ली के एक फ्लैट में रखा।
महिला ने पुलिस को बताया कि वहां रहने वाले एक दंपत्ति उम्मिदा (37) और रजनीश (31) ने उसका पासपोर्ट रख लिया और उस पर ग्राहकों के पास जाने का दबावा बनाने लगे। उसने जब पुलिस के पास जाने की धमकी दी तो रजनीश और उम्मिदा फ्लैट छोड़कर फरार हो गये।
महिला से मिली जानकारियों के आधार पर पुलिस ने जगह-जगह दबिश डालनी शुरू कर दीं। साथ ही खुफिया सूत्रों को भी सतर्क कर दिया। एक महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस को आखिर कामयाबी मिल ही गई।
पुलिस ने रजनीश और उम्मिदा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक लैला की तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि रैकेट के मुख्य संचालक रजनीश ने योजनाबद्ध तरीके से उम्मिदा से शादी की। फिर उम्मिदा रूसी लड़कियां को झांसा देकर टूरिस्ट वीजा पर दिल्ली लाती थी।
इस काम में लड़कियों को तीन हजार अमेरिकी डॉलर मिलते थे और हर लड़की से रजनीश 40-50 हजार डॉलर तक कमाता था। रजनीश से जुड़े और भी लोगों की पुलिस तलाश कर रही है।