मुंबई हमलों की जांच में आगे बढ़ा पाक
विधि मंत्रालय देश के आतंकवाद निरोधक कानूनों की जांच इस पहलू से भी कर रहा है कि उनमें ऐसा क्या संशोधन किया जाए ताकि मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के सिलसिले में पकड़े गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
पाकिस्तान के मौजूदा कानूनों में फिलहाल देश से बाहर अपराधों को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई प्रावधान नहीं है।
समाचार पत्र 'द न्यूज' ने एक सूत्र के हवाले से खबर दी है, "जब भी गृह मंत्रालय की ओर से हमें जांच के नतीजें मिलेंगे, कूटनीतिक माध्यमों से उनसे भारत सरकार को अवगत कराया जाएगा।"
समाचार पत्र के अनुसार सरकारी हलकों में इस बात को लेकर बेहद निराशा है कि जांच प्रक्रिया में सहयोग के लिए बार-बार पेशकश किए जाने के बावजूद भारत इसके लिए तैयार नहीं दिखता।
अखबार के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी जमात-उद-दावा के खातों और संपत्तियों की जांच कर रही है। आंतरिक मंत्रालय के अनुसार ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और उत्तरी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में जमात-उद-दावा के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा चुका है।
गृह मंत्रालय के सलाहकार रहमान मलिक ने गत 26 दिसम्बर को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के सिलसिले में भारत की ओर से उपलब्ध कराए गए सबूतों के अध्ययन के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल बनाया है।
समाचार पत्र के अनुसार वे भारत की ओर से उपलब्ध कराई सूचनाओं पर काम रहे हैं ताकि उन्हें ऐसे सबूतों में ढाला जा सके व अन्य सबूत जुटाए जा सकें, जिनसे उनके खिलाफ कार्रवाई संभव हो सके।
समाचार पत्र के अनुसार यह पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक न्यायालयों के लिए परीक्षा की घड़ी होगी क्योंकि इससे पहले के न्यायाधीश धमकियों के डर से ऐसे मामलों पर सुनवाई करने से इंकार करते रहे हैं। यह भी देखना जरूरी होगा कि सरकार उन मुकदमों की तैयारी किस ढंग से करती है क्योंकि यदि जरा भी कसर रही, तो आरोपियों के छूटने का पूरा अंदेशा रहेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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