श्रीलंका से भाग नहीं सकता प्रभाकरण : पूर्व लिट्टे अधिकारी
नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा है कि लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण श्रीलंका से भाग नहीं सकता लेकिन फिर भी यदि वह भाग जाता है तो यह उसकी राजनीतिक मौत होगी।
वर्ष 2004 में लिट्टे से विद्रोह कर अलग हुए विनयगामुर्ति मुरलीथरन ऊर्फ करुणा ने श्रीलंका से ही फोन पर आईएएनएस से एक विशेष बातचीत में कहा, "लिट्टे के लोग शीघ्र ही मुल्लईतिवू जिले के जंगलों में एकजुट हो जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी लिट्टे समर्थकों का बच पाना आसान नहीं होगा क्योंकि अब तमिल जनता भी लिट्ट का समर्थक नहीं रही।
उन्होंने कहा कि प्रभाकरण के लिए बच पाना आसान नहीं है। वह श्रीलंका से भाग नहीं सकता। उसके ऊपर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करने का भी आरोप है। इसलिए उनका दक्षिणपूर्व एशिया में शरण लेना संभव नहीं लगता।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी वह यदि श्रीलंका से निकल भागने में सफल होते हैं तो यह उसका राजनीतिक अंत साबित होगा क्योंकि वह वापस श्रीलंका नहीं आ पाएगा।
करुणा किसी जमाने में प्रभाकरण के सुरक्षाकर्मी थे। बाद में प्रभाकरण ने उन्हें श्रीलंका के पूर्वी प्रांत का कमांडर बना दिया था। वे प्रभाकरण के विश्वस्त लोगों में शुमार थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।