पाकिस्तान में तानाशाही सरकारः शरीफ
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाकर पीपीपी की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन से पिछले साल अलग हुई पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल एन) के मुखिया शरीफ ने कहा कि मुल्क में लागू लोकतंत्र तानाशाही से अलग नहीं है।
शरीफ ने कहा "पिछले साल 18 फरवरी को आम चुनाव होने के बाद मुल्क में कोई बदलाव नहीं आया है। वहां यथास्थिति बरकरार है। वहां पुरानी अदालतें और पुराने जज बरकरार हैं। पुरानी शासन प्रणाली लागू है और मुल्क के संविधान तथा कानून में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है"।
शरीफ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतउल्ला बाबर ने उसे बढ़ा चढ़ा कर की गई कड़ी आलोचना करार दिया और कहा कि जरदारी संसद को भंग करने और तीन सेना प्रमुखों की नियुक्ति के लिये अपनी शक्तियों को त्यागने के लिये तैयार थे।
बाबर ने कहा कि जरदारी पीपीपी और पीएमएल एन द्वारा वर्ष 2006 में हस्ताक्षरित चार्टर आफ डेमोक्रेसी को लागू करने के अनिच्छुक नहीं थे।