ईरान को ओबामा से उम्मीद

By Staff
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तेहरान, 17 जनवरी:तेहरान में हालांकि इस बात को कोई स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन यह सच है कि अगस्त 2005 में महमूद अहमदीनेजाद ने जब से ईरान में सत्ता संभाली है, तब से अंतर्राष्ट्रीय अलगाव के कारण वहां तमाम राजनीतिक व आर्थिक समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं।

इस अलगाव के बीच इस्लामिक ईरान ने लैटिन अमेरिका के वेनेजुएला, निकारागुआ व बोलिविया जैसे समाजवादी देशों से संबंध गांठ लिए हैं और इन देशों के साथ वह अमेरिका विरोधी आयोजनों का आनंद उठा रहा है।

लेकिन अहमदीनेजाद ईरान की एक देश के रूप में और क्षेत्रीय ताकत के रूप में दुनिया में पहचान बनाना चाहते हैं और नीति निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए पश्चिम के साथ संबंधों में सुधार जरूरी है, वह भी खासतौर से 'ग्रेट शैतान' के साथ। ईरान में अमेरिका के लिए इसी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।

शायद इसी कारण अहमदीनेजाद ने अपनी जिद को ताक पर रख बराक ओबामा की जीत पर उन्हें बधाई दी थी।

ईरान के पिछले तीस वर्षो के इतिहास में इस तरह की यह पहली नई घटना हुई। लेकिन यह भी सच है कि अहमदीनेजाद सत्ता पर नियंत्रण रखने वाले मौलानाओं के आशीर्वाद के बगैर इस तरह का बयान नहीं दे सकते थे।

अहमदीनेजाद ने अपने बयान में कहा था, "यदि ओबामा के बदलाव के नारे में सच्चाई है और ईरान के प्रति उनकी दृष्टि में मित्रता व सम्मान का भाव है तो निश्चित रूप से हम एक सकारात्मक विकास व द्विपक्षीय संबंधों के नए अध्याय की ओर बढ़ेंगे।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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