पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा गूगल
एक ताजा अध्ययन के अनुसार गूगल सर्च करने से पर्यावरण को नुकसान होता है। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक दो बार गूगल सर्च करने से लगभग उतनी ही कार्बन डाई आक्साइड पैदा होती है जितनी एक कप चाय बनाने के दौरान ईंधन जलने से उत्पन्न होती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक आमतौर पर एक बार गूगल सर्च करने पर सात ग्राम कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जित होती है जबकि केतली में एक कप चाय बनाने के दौरान निकलने वाली इस गैस की मात्रा 15 ग्राम होती है।
संडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है गूगल दुनिया भर में बड़े डाटा केन्द्र संचालित करता है जिनमें काफी ऊर्जा की खपत होती है। सर्च की रफ्तार को तेज करना गूगल का मुख्य उद्देश्य है। उसके पास काफी अतिरिक्त क्षमता है जिसमें बहुत ऊर्जा का इस्तेमाल होता है।
रिपोर्ट में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता एलेक्स विसनर ग्रोस के हवाले से लिखा गया है गूगल सर्च का पर्यावरण पर निश्चित रूप से असर पड़ता है।
दरअसल गूगल सर्च इंजन संचालन के दौरान भारी मात्रा में कार्बन डाई आक्साइड छोड़ते हैं।