चिदंबरम के विरोध में भाजपा मुख्यमंत्री
मंगलवार देर शाम तक चली इस बैठक में कई मुख्यमंत्री ऐसे थे, जिन्होंने चिदंबरम के लेक्चर को समझने की कोशिश तक नहीं की और अब वो इसका खुलेआम विरोध कर रहे हैं। इनमें सिर्फ भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल हैं।
चिदंबरम ने गत 27 दिसम्बर को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रशासनिक तंत्र को मजबूत बनाने के संबंध में कुछ सुझाव दिए थे। भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने पत्र की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उनके सुझावों का स्वर आदेशात्मक था।
इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चिदंबरम के पत्र की भाषा संघीय व्यवस्था व निर्वाचित मुख्यमंत्रियों के पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के पत्र से ऐसा लगता है कि वे हेडमास्टर हैं और कक्षा के छात्रों को डांटने के अंदाज में कह रहे हैं कि आपको यह कहना चाहिए और आपको यह नहीं कहना चाहिए।
उनका कहना है कि भाजपा के सभी मुख्यमंत्री चिदंबरम का विरोध करते हैं। रही बात व्यवस्था में समन्वय की तो परस्पर सहयोग और सहमति की परम्परा बनाए रखना ही अच्छा होगा।