ट्रक हड़ताल से करोड़ों का व्यापार प्रभावित
रविवार मध्यरात्रि से देश भर में करीब साठ लाख ट्रक थम गये इस कारण जरूरी वस्तुओं की भारी कमी देखने को मिली। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के आह्वान पर हुई इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर देश भर में फल व सब्जी मंडियों में देखने को मिला।
ताजा माल नहीं पहुंचने पर छोटे व्यापारियों को खासा नुकसान सहना पड़ा। यही नहीं देश के कुछ हिस्सों में सब्जियों व फलों के दाम में बढोत्तरी दिखी।
चंडीगढ़ और जालंधर के फल एवं सब्जी बाजार के कारोबारियों ने आशंका व्यक्त की है कि यदि हड़ताल जारी रही तो मंगलवार से ही फलों एवं सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि कर दी जाएगी। ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक केवल दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ही करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ है।
उत्तरप्रदेश में वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी
उत्तर प्रदेश में हड़ताल के चलते 50,000 से ज्यादा ट्रकों के पहिए थम गए हैं। यूपी मोटर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासिचव अजय कपूर के मुताबिक हड़ताल से आम लोगों को परेशानी ना हो इसलिए दूध, सब्जी समेत आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
उधर राज्य के परिवहन आयुक्त किशन सिंह अटोरिया ने पत्रकारों को बताया कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए जरूरत पड़ी तो वैकल्पिक व्यवस्था कर सरकारी वाहनों से आपूर्ति सुनिश्चति कराई जाएगी।
एआईएमटीसी के अध्यक्ष चंद्रजीत सिंह लोहारा ने कहा कि केंद्र सरकार ने वैश्विक मंदी को देखते हुए कई उद्योगों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है, लेकिन उसने हम पर मंदी के प्रभाव के बारे में विचार तक नहीं किया हमें भी अपने बचाव के लिए आर्थिक पैकेज चाहिए।
उन्होंने कहा कि परिवहन अधिकारियों के साथ संगठन की बातचीत असफल हो जाने के कारण उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है। जो ट्रक हड़ताल शुरू होने के पहले काम पर निकल चुके हैं वे अपना काम पूरा करेंगे।
उन्होंने बताया कि छह सूत्रीय मांगपत्र में डीजल व टायरों की कीमतें कम करने के अलावा टोल टैक्स हटाने और राष्ट्रीय परिमट फीस कम करने जैसी मांगें भी शामिल हैं।