नाखुश हैं असम के आतंकवादी संगठन

By Staff
Google Oneindia News

गुवाहाटी, 5 जनवरी: असम के आतंकवादी संगठनों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है कि विद्रोही संगठनों के साथ उसी सूरत में शांति वार्ता होगी जब वे बातचीत से पहले हथियार डालेंगे। संगठनों ने इस शर्त को अव्यावहारिक करार दिया है।

प्रतिबंधित संगठन उल्फा के एक वरिष्ठ नेता जितेन दत्ता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "शांति वार्ता के लिए ऐसी पूर्व शर्त हमें मंजूर नहीं है। प्रधानमंत्री का यह रुख हमें पसंद नहीं है, क्योंकि यह अव्यावहारिक है।" दत्ता संगठन में उस खेमे से हैं जो असम समस्या का हल वार्ता के जरिए निकाले जाने का समर्थक है।

प्रधानमंत्री ने शनिवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में कहा था कि सरकार आतंकवादियों से बातचीत को तैयार है, बशर्ते कि आतंकवादी पहले हथियार डालें। दत्ता ने कहा कि इस ऐसी शर्त रखे जाने से उन तमाम संगठनों की नाराजगी बढ़ेगी जो वार्ता प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

उल्फा के उपरोक्त खेमे के नेताओं ने पिछले सप्ताह यह घोषणा की थी कि वे असम के लिए व्यापक स्वायत्तता के बदले संप्रुभता या आजादी की मांग छोड़ने को तैयार हैं।

इस बीच असम सरकार ने केंद्र सरकार से इसकी सिफारिश की है कि वह अलगाववादी संगठन एनडीएफबी के साथ संघर्षविराम की अवधि आगे नहीं बढ़ाए, क्योंकि संगठन आतंकवादी गतिविधियों में सलिप्त है। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हमने सरकार को इस संगठन की गतिविधियों के बारे में बताया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X