मध्यप्रदेश में पानी पर पुलिस का पहरा
प्राचीन शिप्रा नदी के किनारे बसे उज्जैन में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। प्रदेश में कम बारिश होने की वजह से करीब 35 जिले पानी के संकट से जूझ रहे हैं।
एक-एक कर सभी जल स्रोत सूखते जा रहे हैं। शहर में पेयजल आपूर्ति करने वाले जल संग्रहण स्थल धीरे-धीरे सूखते जा रहे हैं। आलम यह है उज्जैन व आस-पास के जिलों में दो से तीन दिन में एक बार जलापूर्ति की जा रही है।
उज्जैन में तो तीन दिन में एक बार ही लोगों को पानी मिल पा रहा है। उज्जैन के प्रमुख जल स्रोतों में से एक गंभीर जलाशय में पानी खत्म हो चुका है। प्रशासन ने अब चंबल नदी पर बने 'अमलावदा पीका बांध' से शहर को पानी देने की योजना बनाई है साथ ही कई जल स्रोतों को संरक्षित कर लिया है।
अब अमलावदा पीका बांध ही उज्जैन को जरूरत के हिसाब से पानी उपलब्ध कराने का एक मात्र सहारा है। इस बांध के पानी का उपयोग किसी दूसरे काम में न हो इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बांध पर सुरक्षा बल की तैनाती कर दी है और नावों से भी बांध पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा कई और छोटे-छोटे जल स्रोत पुलिस के पहरे में हैं।
शहर के अतिरिक्त जिलाधीश उमाकांत पांडेय के मुताबिक पानी का संकट गहरा गया है, इसलिए प्रशासन वैकल्पिक इंतजामों में जुटा है। ऐसे में जल स्रोतों को संरक्षित करने के लिए जगह-जगह पुलिसबल तैनात किया गया है।