गठबंधन सरकार की ओर जम्मू-कश्मीर
मौका मिल सकता है। हालांकि इस बार नेशनल कांफ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। नेशनल कान्फ्रेंस 24 सीटों पर बढ़त बनायी।
विश्लेषकों ने 87 सीटों वाली राज्य विधानसभा में इस बार अनेक चुनाव विश्लेषकों ने किसी एक दल को बहुमत न मिलने का अनुमान प्रकट किया है।
रविवार सुबह नौ बजे मतगणना शुरू हुए। खबर लिखे जाने तक नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार 24 सीटों पर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के उम्मीदवार 20 सीटों पर, कांग्रेस के उम्मीदवार 14 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार 12 सीटों पर अपने निकटतम उम्मीदवारों से आगे चल रहे थे।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला हजरतबल विधानसभा सीट से चुनाव जीत गए। जबकि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने भी जीत दर्ज की।
नेशनल कांफ्रेंस ने कूपवाड़ा जिले की गुरेज सीट पर जीत हासिल कर ली। उमर अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला राज्य में 17 नवंबर से 24 दिसम्बर के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था। मतदान के दौरान राज्य के लगभग 63 फीसदी मतदाताओं ने अलगाववादियों द्वारा चुनावों का बहिष्कार करने की अपील को ठुकराते हुए अपने मताधिकार का उपयोग किया था।
फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही भारतीय जनता पार्टी के साथ वो हाथ नहीं मिलायेंगे। उन्होंने कहा कि वो किसी भी हद तक बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। हालांकि उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो सरकार बनाने के लिए छोटे-छोटे दलों का सहारा ले सकते हैं।