उप्र सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस
अब इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने प्रदेश सरकार को इस संबंध में एक नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। आयोग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'आयोग ने अखबारों में छपी खबरों को संज्ञान में लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है।'
परिजनों ने माया सरकार का मुआवजा ठुकराया
दिवंगत मनोज गुप्ता के परिजनों ने मुख्यमंत्री मायावती की उस पेशकश को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
गुप्ता के पुत्र प्रतीक प्रांजल ने बताया कि किसी भी हालत में वो अपने पिताजी की मौत का कोई मुआवजा नहीं लेंगे। बेंगलुरु में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रांजल ने पुलिस जांच पर संदेह प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार और पुलिस पर उन्हें कतई भरोसा नहीं है।
पुलिस ने तो मामले की फोरेंसिक जांच तक नहीं कराई। उन्होंने कहा कि अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामले की जांच में ही असली तथ्य उजागर हो सकेंगे।
अभियंता संगठन ने अनिश्चतिकालीन हड़ताल वापस ली
हत्याकांड के मुख्य आरोपी विधायक शेखर तिवारी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाये जाने के बाद अनिश्चतिकालीन हड़ताल पर गए उत्तरप्रदेश अभियंता संगठन ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है।
उप्र अभियंता संगठन के अध्यक्ष एक्यू फारुकी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा हमारी मांगे पूरी होने के आश्वासन के बाद हमने यह फैसला किया है।
फारुकी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने वादा किया कि अभियंताओं से की जी रही चंदा वसूली की शिकायतों पर राज्य सरकार ध्यान देगी और प्रदेश के सभी अभियंताओं को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
गौरतलब है कि औरैया में बुधवार को मनोज गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। बसपा के स्थानीय विधायक शेखर तिवारी पर गुप्ता की हत्या करवाने का आरोप है। आरोपी शेखर तिवारी को सात जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।