हर बार बनते हैं हादसों के चश्मदीद
जैसन और जेनी पिछले दिनों मुबई में भी थे लेकिन खुशकिस्मत होने के कारण वह हर बार की तरह सुरक्षित बच गए।
दंत प्रयोगशाला में कार्यरत 26 वर्षीय जेनी कहती है यह हैरान करने वाला संयोग है। जब हम उन शहरों में थे तभी वहां आतंकवादी हमले हुए। मुझे इस पर हंसना नहीं चाहिए लेकिन दंग करने वाला संयोग तो यह है ही।
उन्होंने कहा किसी दिन हम इस बारे में लिखने पर भी विचार कर सकते हैं लेकिन हम दोनों में से कोई भी ठीक- ठाक लिख नहीं सकता।
डडली में रहने वाले इस युगल को अपनी छुट्टियां बेहद प्यारी हैं लेकिन वे छुट्टियां मनाने जब भी जहां भी जाते हैं वहां आतंकवाद से जुड़ा कोई न कोई हादसा हो ही जाता है।
यह युगल 11 सितंबर वर्ष 2001 में न्यूयार्क में था। उसी दिन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले में करीब 3000 लोग मारे गए थे। चार वर्ष बाद जैसन और जेनी लंदन में थे तभी सात जुलाई को चार आतंकवादियों ने आत्मघाती बम हमले करके 52 लोगों की जान ले ली।
इस
वर्ष
26
नवंबर
को
दोनें
मुंबई
में
थे
और
शहर
चरमपंथियों
के
कब्जे
में
आ
गया
था।
बहरहाल
जैसन
और
जेनी
मुंबई
की
सराहना
करते
हुए
कहते
हैं
कि
यहां
तेजी
से
की
गई
कार्रवाई
राहत
और
बचाव
कार्य
प्रेरणादायी
था।