एफबीआई ने कसाब को 9 घंटे मथा
करीब नौ घंटे की इस पूछताछ में एफबीआई के अधिकारियों ने उसके पाकिस्तान में रह रहे रहनुमाओं के बारे में जानकारी हांसिल करने की कोशिश की।
पिछले तीन हफ्ते से एफबीआई की टीम सीबीआई के साथ मामले की जांच में जुटी हुई है। कसाब फिलहाल मुंबई पुलिस की हिरासत में है। अधिकारियों के मुताबिक एफबीआई की एक टीम ने कसाब से उसके घर, मोहल्ले और यहां तक कि गलियों इत्यादि के बारे में जानकारियां हांसिल करने की कोशिश की।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कसाब पाकिस्तान के फरीदकोट जिले के उक्कड़ का निवासी है। कसब से उस जगह के बारे में भी पूछताछ की गई, जहां उसने प्रशिक्षण हासिल किया था। इसके अलावा उससे उन लोगों के बारे में पूछा गया, जिन्होंने उसे हथियारों का प्रशिक्षण दिया था।
उससे उन लोगों के बारे में भी पूछताछ की गई, जिन्होंने कसाब को मानसिक रूप से तैयार किया। 21 वर्षीय आतंकी ने बताया कि उसने लाहौर में एक मामूली चोर के रूप में छिटपुट वारदातों को अंजाम देना शुरू किया था।
वर्ष 2000 में स्कूल छोड़ देने के बाद वह अपने भाई के साथ लाहौर में ही रह रहा था। 2005 तक अपने भाई के घर और अपने माता-पिता के घर के बीच आता जाता रहा।
कसाब ने बताया कि परिवार से झगड़ा होने पर उसने घर छोड़ दिया। तब उसने दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन साथ ही एक आपराधिक गिरोह से जुड़ गया।
रावलपिंडी के एक बाजार में हथियार खरीदने के दौरान वह और उसका एक दोस्त जमात-उल-दावा के कुछ सदस्यों के संपर्क में आए। तभी अपने दोस्त के साथ उसने संगठन से जुड़ने का फैसला किया। उस समय कसाब का मकसद हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेना था। प्रशिक्षण के दौरान कश्मीर पर भारत की कथित ज्यादतियों के बारे में फिल्में दिखाई जाती थी।
इसके अलावा वहां लश्कर के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद सहित आतंकियों के जोशीले भाषण होते थे, जिससे वह मानसिक रूप से तैयार होने लगा। वो यह मानने लगा था कि लश्कर के उद्देश्य के लिए जान भी दी जा सकता है।
कसाब ने बताया कि लश्कर के कमांडर जकी-उर-रहमान-लखवी ने उससे वादा किया कि इस शहादत के लिए उसके परिवार को डेढ़ लाख रुपये दिए जाएंगे।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कसाब से पूछताछ के आधार पर एफबीआई के अधिकारियों ने प्रशिक्षण देने वाले कुछ लोगों के चित्रों व कुछ स्थानों के मानचित्र तैयार किए हैं।