बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाने के प्रयास की माकपा ने की आलोचना
पार्टी पोलित ब्यूरो से जारी एक बयान में कहा गया है कि मनमोहन सिंह सरकार ने राज्यसभा में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मात्रा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए विधेयक पेश किया है। विदेशी कंपनियों को बीमा क्षेत्र पर और अधिक नियंत्रण की सुविधा देने की ओर यह एक शर्मनाक कदम है।
उल्लेखनीय है के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 में संशोधन के लिए एक विधेयक सोमवार को संसद में पेश किया है।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य हरि सिंह कंग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार यह कदम ऐसे समय उठा रही है जब पश्चिम में आर्थिक संकट ने बीमा और वित्तीय कंपनियों की गलत हरकतों को उजागर कर दिया है।
सरकार के इस कदम की निंदा करते हुए कंग ने कहा कि मनमोहन सरकार के इस कार्य से वित्तीय क्षेत्र को नुकसान होगा और हमारी व्यवस्था में भी संकट पैदा होगा।
बयान के अनुसार इससे स्पष्ट है कि सरकार विदेशी वित्तीय पूंजी के पक्ष में देश के हितों को खतरे में डालने को तैयार है।
माकपा ने कहा है कि इस विधेयक के विरोध में 23 दिसम्बर को जीवन बीमा कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल को पार्टी पूरा समर्थन देगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।