दिमाग में छुपी है दर्द की 'दवा'
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार 'करेंट बॉयलॉजी' नाम के चिकित्सा जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सिडनी विश्वविद्यालय के व्याख्याता लोरीमेर मोसेली ने कुछ चौंकाने वाले तथ्यों का पता लगाया है। मोसेली के मुताबिक दरअसल, दर्द की जड़ दिमाग में छुपी होती है।
बकौल मोसेली, "इंसानी दिमाग कई हैरतअंगेज काम कर सकता है। उसकी कार्यप्रणाली शरीर के काम करने और उसके सामने आने वाली कठिनाइयों के आधार पर संचालित होती है। हम जितना अधिक दर्द के बारे में जानते हैं, हमारा दिमाग उससे जुड़े उतने ही अधिक संकेत प्रसारित करता है और इसके कारण हमें उतना ही ज्यादा दर्द का अहसास होता है।"
मोसेली और उनके साथियों ने पता लगाया है कि हमारा घाव जितना बड़ा होगा, हमें उतना ही अधिक दर्द महसूस होगा। मसलन, अगर आपको कोई छोटा घाव है और उसे लेंस के माध्यम से बड़ा करके दिखाया जाता है तो आपको दर्द का अहसास ज्यादा होगा लेकिन अगर आपके किसी बड़े घाव को छोटा करके दिखाया जाए तो निश्चित तौर पर आप मनोवैज्ञानिक कारणों से प्रभावित होकर कम दर्द महसूस करेंगे।
इससे यह पता चलता है कि हमारा दिमाग घाव या चोट के बड़े या छोटे होने के आघार पर ही दर्द संबंधी सूचनाएं प्रसारित करता है। इसलिए अगली बार जब आपको कोई बड़ा घाव भी हो जाए तो आप उसे हरगिज मत देखिएगा। जब आप उसे देखेंगे ही नहीं तो जाहिर तौर पर आपको दर्द का अहसास भी कम होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।