पाकिस्तान के खिलाफ सख्त हुआ भारत
भारत और पाकिस्तान के सैनिक संघर्ष की ओर बढ़ने के सवाल पर मुखर्जी ने कहा, "यदि सैनिक संघर्ष होगा तो कोई भी उसकी घोषणा मीडिया में नहीं करेगा। हमने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं।"
मुखर्जी ने कहा कि मुंबई हमलों के जिम्मेदार लोगों को कटघरे में लाने के लिए हमने अपना कोई भी विकल्प बंद नहीं किया है, क्योंकि हमारे लोग मारे गए हैं। उन्होंने साफ संकेत दिया कि यदि पाकिस्तान ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो भारत सैनिक कार्रवाई से भी नहीं हिचकेगा, जैसा कि मीडिया के कुछ हलकों में कयास लगाया जा रहा है।
भारत के करीब 130 राजदूतों के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद विदेशमंत्री ने कहा, "हमें आशा है कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार राष्ट्र की तरह अपने वादे पूरे करेगा। कोई भी देश अपने वादे पूरे करने की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता।"
दुनिया भर में स्थित भारतीय दूतावासों के प्रमुखों का यह पहला सम्मेलन है। इसका उद्देश्य राजदूतों को आने वाले समय की महत्वपूर्ण कूटनीतिक चुनौतियों की जानकारी देना है।
यद्यपि इस सम्मेलन की तैयारी महीनों पहले से थी लेकिन मुंबई हमले के बाद इसका प्रमुख विषय आतंकवाद और पाकिस्तान से निपटने की रणनीति हो गया है।
जुलाई में काबुल में भारतीय दूतावास पर आत्मघाती बम हमले में एक भारतीय राजनयिक और एक सैनिक प्रतिनिधि की मौत पर भी पहली बार प्रमुख रूप से चर्चा होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।