इस्तीफे पर स्पष्टीकरण देने से अंतुले का इंकार, भाजपा अड़ी (लीड-1)
एक तरफ सरकारी सूत्रों का कहना है कि अंतुले ने इस्तीफा दे दिया है, तो वहीं अंतुले इस मुद्दे पर साफ तौर पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं।
अंतुले ने संसद के बाहर संवाददाताओं को बताया, "मैं पार्टी का एक कार्यकर्ता हूं। इस्तीफे के बारे में आपको मुझसे नहीं पूछना चाहिए। यदि मेरे कारण पार्टी या सरकार को कहीं से शर्मशार होना पड़ा है, तो मैं सबसे पहले इस्तीफा भेज दूंगा।"
इधर, अंतुले के विवादास्पद बयान को लेकर मचे बवाल के बीच विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा को बताया कि 23 दिसंबर को संसद के मौजूदा सत्र की समाप्ति से पहले इस मामले पर सरकार कोई उचित जवाब जरूर दे देगी।
भाजपा ने कहा है कि अंतुले को लेकर चल रही राजनीतिक ड्रामेबाजी अब खत्म होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उन्हें तत्काल अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा, "मुंबई हमले में पाकिस्तान की भूमिका की बात सामने आई है और इसके प्रमाण भी मिले हैं लेकिन अंतुले ने गैरजिम्मेदाराना बयान देकर पाकिस्तान की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।"
उन्होंने कहा, "अंतुले ने यह बयान देकर मामले को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया है। उनके इस्तीफे पर जल्द फैसला होना चाहिए और इसे लेकर चल रही राजनीतिक ड्रामेबाजी खत्म होनी चाहिए। प्रधानमंत्री उन्हें तत्काल अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।"
इससे पहले, शुक्रवार को लोकसभा में भी यह मामला उठा। शून्यकाल के दौरान भाजपा की सुमित्रा महाजन ने कहा, "मुंबई हमले में एक राजनीतिज्ञ का नाम बार-बार सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि इस राजनीतिज्ञ ने आतंकवादियों को मदद पहुंचाई। इस मामले की जांच की जानी चाहिए। यह मामला बहुत गंभीर है।"
महाजन ने कहा कि अंतुले ने महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल खड़े कर देश की एकता व अखंडता पर प्रहार किया है। उनका यह गैरजिम्मेदाराना बयान पाकिस्तान के पक्ष को मजबूत करता है। उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके 79 वर्षीय अंतुले ने कहा था कि करकरे की मौत का संबंध मालेगांव विस्फोट मामले से हो सकता है। उन्होंने कहा था कि करकरे इस मामले की जांच कर रहे थे और इसमें हिंदू कट्टरपंथियों को संदिग्ध माना जा रहा था।
अंतुले ने कहा था, "ऊपरी तौर पर देखा जाए तो आतंकवादियों के पास करकरे को मारने का कोई कारण नहीं था। करकरे आतंकवाद का शिकार हुए या किसी और चीज का, मैं नहीं बता सकता। करकरे ने पाया था कि आतंकवाद के कुछ मामलों में गैर मुस्लिम लोग शामिल थे। अभी तक जिस भी व्यक्ति ने आतंकवाद की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की, उसे हमेशा निशाना बनाया गया।"
इस बयान के बाद संसद और संसद के बाहर उनकी जमकर आलोचना हुई थी और विपक्षी दलों ने उन्हें हटाने की मांग की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।