'दूसरी पत्नी का अधिकार सुरक्षित होगा, फिजा का मामला है अलग'
प्रस्तावित संशोधन का विस्तृत विवरण तैयार करने के लिए एनसीडब्ल्यू द्वारा गठित कमेटी की एक सदस्य, वकील मीनाक्षी लेखी ने आईएएनएस को बताया, "अनुराधा बाली या फिजा जैसी महिलाओं ने यह जानते हुए किसी की जिंदगी में प्रवेश किया है कि उनका साथी पहले से शादीशुदा है। आयोग जिस संशोधन पर काम कर रहा है, उसके तहत ऐसे मामले आएंगे, जिसमें दूसरी पत्नी को अपने प्रेमी के शादीशुदा होने की जानकारी नहीं होगी। इस संशोधन का मकसद ऐसी दूसरी पत्नियों के अधिकारों का हिफाजत करना होगा।"
लेखी ने कहा, "हम बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यहां ऐसे लोगों के बारे में कतई बात नहीं की जा रही है, जो किसी लाभ के लिए कोई रिश्ता बनाते हैं। जब हम दूसरी पत्नी की बात करते हैं तो उसमें किसी तरह की परंपरागत शादी का आशय छिपा होता है।"
बहरहाल, 15 दिन पहले गठित हुई इस समिति की पहली बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई। बैठक में अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 में संशोधन के लिए तीन प्रमुख बिंदु तलाशे गए।
आयोग की अध्यक्ष गिरिजा व्यास ने कहा, "दूसरी पत्नी को न सिर्फ अपने गुजारे भत्ते का, बल्कि अपने बच्चों के गुजारे भत्ते का भी पूरा अधिकार होगा।"
लेखी के अनुसार पहले से शादीशुदा चंद्रमोहन व अनुराधा बाली के मामले में चंद्रमोहन की पहली पत्नी पीड़ित हुई है। लेकिन हम कोई कार्रवाई इसलिए नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी दूसरी पत्नी ने हमसे संपर्क नहीं किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।