नेपाल के रास्ते से आया पाक जासूस
पीएमआई के इस एजेंट ने यह कबूल किया है कि वो भारत में नेपाल के रास्ते से दाखिल हुआ।
अब्दुल जब्बार उर्फ सिकंदर उर्फ मेमन नाम का यह जासूस कपड़ों का व्यापारी बन कर लखनऊ में रहता था। उसने कैंट एरिया की जानकारी इकठ्ठा की और नक्शे बना कर पाकिस्तान में बैठे आकाओं को पहुंचाये।
पीएमआई के इस एजेंट को एटीएस ने चारबाग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। जब्बार के पास से सेंट्रल कमांड एरिया के गोपनीय और हाथ से बने नक्शे बरामद हुए।
अतिरिक्त
पुलिस
महानिदेशक
(कानून
व्यवस्था)
बृजलाल
के
मुताबिक
पाकिस्तानी
खुफिया
एजेंसी
एमआई
ने
9
महीने
की
ट्रेनिंग
देकर
जब्बार
को
भारत
भेजा
था।
एटीएस को जानकारी मिली थी कि आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के गोपनीय ठिकानों, दस्तावेजों की जानकारी लेने के लिए कुछ एजेंट यूपी दाखिल हुए हैं। सूचनाओं के आधार पर जब्बार एटीएस ने धर दबोचा।
अब्दुल जब्बार ने पूछताछ में बताया कि वह कराची में जुआ, सट्टा और ड्रग्स का कारोबार करता था। साथ ही फर्जी आईडी से लोगों के पासपोर्ट बनाने का भी काम करता था।
वर्ष 2007 में पीएमआई के अधिकारियों ने अब्दुल जब्बार से संपर्क कर उसे देश के लिए कुछ करने की बात कही। जब वह तैयार हो गया तो उसे 9 महीने तक ट्रेनिंग दी गई। उसके परिवार के सदस्यों के खर्च आदि की व्यवस्था करने की बात कह कर उसे हवाई जहाज से कराची से काठमांडू भेज दिया गया।
अब्दुल जब्बार ने एटीएस को बताया कि वह काठमांडू में एमआई के एजेंट के सहयोग से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ। लखनऊ के फौजी ठिकानों की जानकारी एकत्र कर उसे इंटरनेट, मोबाइल या फिर पीसीओ से पाकिस्तान भेजे।
उसने कबूल किया कि वह चार बार पहले भी भारत की यात्रा कर चुका है। उसके पास से अहमदाबाद में बना पासपोर्ट भी मिला है जिसपर उसकी फोटो भी लगी है।