मुंबई हमलों पर जल्द आएगी किताब
यद्यपि आतंक के इस गाढ़े रंग को करोड़ों लोगों ने समाचार चैनलों के माध्यम से देखा है, फिर भी लिखे का अपना महत्व है। राजकमल प्रकाशन के प्रमुख अशोक माहेश्वरी ने कहा, "इस घटना को जिन लोगों ने करीब से देखा है, वे इस पर एक पुस्तक तैयार कर रहे हैं।
संभवत: पुस्तक आगामी जनवरी के अंत तक पूरी हो जाएगी।" लेखकों का नाम बताने से इनकार करते हुए माहेश्वरी ने इतना भर कहा कि पुस्तक को दो पत्रकार तैयार कर रहे हैं।
राजधानी के बाराखंबा रोड पर स्थित 'ऑक्सफोर्ड बुक सेंटर' के स्टोर प्रबंधक विजय प्रताप सिंह ने कहा, "मुंबई हमलों से जुड़ी कोई पुस्तक अब तक हमारे स्टोर में नहीं आई है।"
सिंह ने कहा, "आतंकवाद से जुड़ी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें यहां मौजूद हैं और इस घटना के बाद 'बुक स्टॉल' में आनेवाले ऐसे शोधार्थियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है जो आतंकवाद के संबंध में खास जानकारी इकट्ठा करना चाहते हैं।" उल्लेखनीय है कि यह बुक स्टॉल पुस्तकें पढ़ने की सुविधा भी उपलब्ध कराता है।
संचार क्रांति के इस युग में घटना से जुड़ी तमाम चीजें साइबर स्पेस में मौजूद हैं। इस बाबत जानकारी प्राप्त करने की चाह रखने वाले इंटरनेट के माध्यम से तमाम जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं, किन्तु गांधी के इस देश की देहाती दुनिया इस सुविधा से महरूम है। वहां किताबें ही पहुंच सकती हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज के प्राध्यापक अभय रंजन ने कहा, "इस घटना पर कई लोग एक प्रामाणिक पुस्तक के इंतजार में हैं, क्योंकि हिन्दुस्तानी समाज आज भी प्रिंट का समाज है और यहां प्रकाशित शब्दों पर ज्यादा यकीन किया जाता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।