हम जगा रहे थे तब नहीं जागी सरकार, मुंबई हमले के बाद नींद टूटी : आडवाणी
चर्चा में हिस्सा लेते हुए आडवाणी ने इन विधेयकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "मैं सिद्घांतत: दोनों विधेयकों का समर्थन करता हूं। इन विधेयकों को लाने में जो देरी हुई है, उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। लेकिन मुझे खुशी है कि देर से ही सही, लेकिन सरकार जागी है। देश में आतंकवादी घटनाएं घटती रहीं और सरकार कुंभकर्णी नींद लेती रही। मुंबई हमले के बाद जाकर उसकी नींद टूटी है।"
आडवाणी ने कहा, "बेहतर होता कि सरकार इन विधेयकों को पहले स्थाई समिति को भेजती और वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इन्हें सदन में पारित कराती।"
विपक्ष के नेता ने कहा, "हम लगातार पोटा या पोटा जैसे सख्त कानून की मांग करते रहे, लेकिन सरकार हमारी बातों से कभी सहमत नहीं हुई। फिर आज अचानक उसे क्यों लगने लगा कि आतंकवाद के खिलाफ एक विशेष कानून जरूरी है। हम यह बात सरकार को पिछले लगभग पांच सालों से समझा रहे थे, लेकिन वह इसे संप्रदाय विशेष से जोड़कर देखती रही।"
आडवाणी ने कहा, " कहावत है कि सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो हम उसे भूला नहीं कहते। लेकिन सुबह के भूले के शाम तक लौटते-लौटते कोई अप्रिय घटना घट जाए तो मैं उसे भूला नहीं मानता।"
आडवाणी ने कहा कि सरकार को अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए और उसे कहना चाहिए कि वह अब गलती सुधार रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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