महिलाओं ने रचा इतिहास...

हावड़ा नगर निगम की 50 में से 30 सीटों पर इस बार महिलाएँ जीती हैं.
इन 30 में से 21 महिला उम्मीदवार अकेले वाममोर्चा की हैं. बाकी नौ विपक्षी दलों यानी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) की हैं.
जब चुनावी नतीजे ऐसे हों तो भला पदों के मामले में महिलाओं की अनदेखी कैसे की जा सकती है. यही वजह है कि मेयर, डिप्टी मेयर और मेयर परिषद की सदस्य के तौर पर महिलाएं ही चुनी गई हैं.
इस चुनाव में हावड़ा के लोगों ने एक इतिहास रच दिया है जो बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है. विमान बोस, वाम मोर्चा के अध्यक्ष
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मेयर बनी हैं माकपा की ममता जायसवाल और डिप्टी मेयर हैं भाकपा की कावेरी मैत्र.
हालांकि यह काम आसान नहीं रहा. पहले तो महिलाओं के तमाम प्रमुख पदों पर काबिज होने की बात किसी के गले नहीं उतर रही थी. लेकिन बाद में जनादेश का हवाला देकर सबको इसके लिए सहमत कर लिया गया.
इन सबने शुक्रवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली.
हावड़ा नगर निगम पर 1984 से ही वाममोर्चा का कब्जा रहा है. लेकिन इस बार उसने तमाम दिग्गज नेताओं के टिकट काटते हुए 30 नए चेहरों को मैदान में उतारा था. इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं.
'एक मिसाल'
वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बसु कहते हैं, "इस चुनाव में हावड़ा के लोगों ने एक इतिहास रच दिया है जो बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है."
इस जीत के बाद वाममोर्चा की ओर से इलाके में एक विशाल जुलूस निकाल कर विजयी महिला उम्मीदवारों को सम्मानित किया गया.
मेयर ममता जायसवाल वर्ष 1989 से ही पार्षद और मेयर परिषद की सदस्य रही हैं. वे कहती हैं, "50 में से 30 सीटों पर महिलाओं को चुन कर इलाके के लोगों ने पूरे देश को एक संदेश दिया है. इस जनादेश से साफ हो गया है कि राजनीति में भागीदारी का मौका मिले तो महिलाएं भी कुशल प्रशासक साबित हो सकती हैं."
इतनी तादाद में महिलाओं ने जीत कर एक इतिहास रचा है ध्यान रहे कि पहले ज्यादातर दल यह कहते हुए महिलाओं को टिकट देने से कन्नी काटते रहे हैं कि वे यानी महिलाएं चुनाव नहीं जीत पातीं. अब इस नतीजे से कम से कम बंगाल में राजनीतिक दलों की सोच भी बदल रही है.
भाकपा की कावेरी मैत्र को डिप्टी मेयर बनाया गया है. भाकपा के प्रदेश सचिव मंजू कुमार मजुमदार मानते हैं कि इस बार जब मोर्चा ने इतनी भारी तादाद में महिलाओं को टिकट दिए थे तो नेता उनकी जीत के प्रति आशंकित थे. लेकिन नतीजों ने तमाम आशंकाएं दूर कर यह साबित कर दिया है कि महिलाएं राजनीति में भी पुरुषों से कम नहीं हैं.
वे कहते हैं, "वाममोर्चा ने पहली बार इतनी भारी तादाद में महिलाओं को टिकट देकर 33 फीसदी आरक्षण का विरोध करने वाले तमाम दलों को एक ठोस संदेश दिया है."
उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी लोकसभा चुनावों में भी महिलाओं की भागदारी बढ़ेगी और तमाम दल अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट देंगे.
डिप्टी मेयर कावेरी कहती हैं, "लोगों ने महिलाओं के प्रति जो भरोसा जताया है, हम उसे बनाए रखने का भरसक प्रयास करेंगे. अब हावड़ा इलाके की तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी. इलाके में नागरिक सुविधाओं की बेहतरी हमारी पहली प्राथमिकता होगी."
पार्टी ने भी कई महिलाओं को टिकट दिया था. चुनावी नतीजों के जरिए इलाके के लोगों ने एक नया संदेश तो दिया ही है. मानस भुंइया, प्रदेश कांग्रेस के नेता
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प्रदेश कांग्रेस नेता मानस भुंइया कहते हैं, "पार्टी ने भी कई महिलाओं को टिकट दिया था. चुनावी नतीजों के जरिए इलाके के लोगों ने एक नया संदेश तो दिया ही है."
वैसे, बीते नगर निगम चुनावों में वाममोर्चा को 38 सीटें मिली थीं, जो अबकी घटकर 33 रह गई हैं. लेकिन वाममोर्चा इससे परेशान होने की बजाय सत्ता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के अपने सार्थक पहल पर काफी खुश है.
मोर्चा को उम्मीद है कि पूरा देश इस चुनाव नतीजे से सबक लेकर सत्ता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाएगा.
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