अब मधुमेह रोगी भी बेफिक्र होकर खा सकेंगे केले
सीएसएयूएटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जी. एस. गौड़ ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "यहां केले की नई प्रजाति तैयार की गई है। इसकी खासियत यह है कि हम लोगों ने इसमें स्टार्च से ग्लूकोज के बदलाव की स्वाभाविक प्रक्रिया को बहुत हद तक रोक दिया है। इससे सामान्य केलों के मुकाबले इनका सेवन करने से मधुमेह रोगी के रक्त में शक्कर की मात्रा में बढ़ोत्तरी न के बराबर होगी।"
गौड़ ने बताया, "नई प्रजाति में वे सभी गुणकारी तत्व मौजूद हैं जो सामान्य केले में होते हैं, यानि विटामिन बी, सी,7 आयरन, फॉस्फोरस एवं कैल्सियम जैसे सभी गुणकारी तत्व इसमें मौजूद हैं।"
उन्होंने कहा कि नई प्रजाति में मौजूद शक्कर के स्तर पर फिलहाल कुछ कहना उचित नहीं होगा, क्योंकि यह प्रजाति अभी भी प्रयोग के दौर से गुजर रही है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि 100 ग्राम के सामान्य केले में लगभग 650 कैलोरी होती है लेकिन इसी मात्रा की नई प्रजाति में काफी कम कैलोरी के परिणाम दिखे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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