नए साल से दिल्ली में सफाई अभियान, गंदगी करने वालों की खर नहीं
नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)। क्या चमचमाती, स्वच्छ व बगैर दरुगध वाली दिल्ली कभी संभव है? नए साल से शायद दिल्ली की तस्वीर में कुछ इस तरह का बदलाव दिखाई दे, क्योंकि नगरीय प्रशासन नए साल से सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी व पेशाब करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रहा है।
वर्ष 2010 में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में मुश्किल से दो वर्ष शेष रह गए हैं। लिहाजा राजधानी की सबसे बड़ी स्थानीय शासन निकाय दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) दिल्ली के चेहरे को संवार लेना चाहता है।
1 जनवरी 2009 से 132 गंदगी निरोधक निरीक्षक राजधानी में चारों ओर गश्त करेंगे और गंदगी करने वालों से तत्काल 50 रुपए का जुर्माना वसूलेंगे। इस तरह से लंबे समय से लंबित पड़े गंदगी निरोधक कानून को लागू किया जाएगा।
यह कदम पूर्व में उठाए गए इस तरह के कदमों से बहुत भिन्न होगा, इसकी संभावना कम ही दिखाई देती है। लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार वे सफाई अभियान को कारगर बनाने में सफल हो जाएंगे।
एमसीडी के आयुक्त के.एस. मेहरा ने आईएएनएस को बताया, "आगामी राष्ट्रमंडल खेलों व सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए हमने नए साल से शहर को स्वच्छ बनाने हेतु गंदगी निरोधी कानून को लागू करने का निर्णय किया है।"
सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2006 में शहर में गंदगी करने वालों के खिलाफ एक सख्त कानून अमल में लाने का निर्देश दिया था। लेकिन एमसीडी की यह नीति वर्ष 2006-07 के बीच मात्र 1,000 चालान काटने के बाद ढीली पड़ गई।
मौजूदा परिस्थतियों को देखते हुए दिल्ली को स्वच्छ कर पाना कठिन लगता है। राजधानी में फिलहाल हर रोज पैदा हो रहे 6,000 टन ठोस कूड़े को ही ठिकाने लगाने में मुश्किल आ रही है। एमसीडी के 50,000 सफाई कर्मचारी व 700 कूड़ा ढोने वाले ट्रक शहरभर में कुल 3,000 अधिकृत कूड़ेदानों से कूड़ा इकट्ठा करने में लगे रहते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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